नवआरक्षकों को दिया न्यायालयीन कार्यवाही का व्यवहारिक प्रशिक्षण
पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय इंदौर में संचालित 73 वें बुनियादी प्रशिक्षण सत्र, एसएफ, जेल प्रहरियों प्रशिक्षणार्थियों को नालंदा भवन के आकाशगंगा ऑडिटोरियम में न्यायालयीन कार्यवाही का व्यवहारिक प्रशिक्षण मूटकोर्ट के माध्यम से दिया गया।
पुलिस अधीक्षक श्री तुषार कान्त विद्यार्थी द्वारा बताया गया कि मूटकोर्ट के मंचन में हत्या के प्रकरण के माध्यम से प्रशिक्षुओं को न्यायालयीन कार्यवाही से अवगत कराते हुए सिखलाई दी गई कि उन्हें प्रशिक्षण उपरांत अपने अपने जिलों में किस प्रकार नियमानुसार एवं विधिवत कार्यवाही किया जाना है।
मूटकोर्ट के मंचन में एडव्होकेट, डिफेंस, प्रोसेक्यूटर, आरोपी, फरियादी एवं अन्य रोल नवआरक्षकों द्वारा बखुबी किये गये है, मंचन में दो रोल फैकल्टियों द्वारा किये गये एवं सारे रोल नवआरक्षकों द्वारा किये गये। मूटकोर्ट मंचन के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण तो दिया जाता है किंतु आपका ओरल एवं रिटर्न (मूटकोर्ट) संबंधी नही होता है, हमारा उददेश्य आपको बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण देना है, जिससे आप अपनी फिल्ड वर्क में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन कर सके।
पुलिस अधीक्षक श्री विद्यार्थी ने बताया कि पीटीसी इंदौर प्रदेश का एकमात्र पुलिस प्रशिक्षण संस्थान है जिसमें मूटकोर्ट का मंचन कर प्रशिक्षुओं को न्यायालयीन कार्यवाही से अवगत करवाया जाता है। व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के फलस्वरूप माननीय न्यायालय की अवमानना की स्थिति से भी बचा जा सकता है। मूटकोर्ट का उक्त मंचन निःसंदेह ही प्रशिक्षुओं के लिये लाभकारिक सिध्द होगा।
मूटकोर्ट का मंचन करवाने में सूत्रधार एडीपीओ श्रीमती कर्णिका दीक्षित, एडीपीओ श्रीमती ज्योति आर्य एवं उनकी नवआरक्षक टीम की महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय भूमिका रही। मूटकोर्ट का मंचन एक सत्य आधारित घटना पर आधारित थी। जिसकी विवेचना निरीक्षक श्री आनंद चौहान द्वारा की गई थी एवं इस मंचन में भी उनके द्वारा विवेचना अधिकारी का रोल प्ले किया गया साथ ही जज की भुमिका में इकाई मे पदस्थ उप निरीक्षक श्री नवीन पाठक द्वारा किया गया।
मूटकोर्ट के दौरान इकाई की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती राजेश्वरी महोबिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री रणजीत सिंह चौहान, समस्त उप पुलिस अधीक्षक, समस्त एडीपीओं, रक्षित निरीक्षक, समस्त अधिकारी/कर्मचारी एवं नवआरक्षगण उपस्थित रहे।
पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय इंदौर में संचालित 73 वें बुनियादी प्रशिक्षण सत्र, एसएफ, जेल प्रहरियों प्रशिक्षणार्थियों को नालंदा भवन के आकाशगंगा ऑडिटोरियम में न्यायालयीन कार्यवाही का व्यवहारिक प्रशिक्षण मूटकोर्ट के माध्यम से दिया गया।
पुलिस अधीक्षक श्री तुषार कान्त विद्यार्थी द्वारा बताया गया कि मूटकोर्ट के मंचन में हत्या के प्रकरण के माध्यम से प्रशिक्षुओं को न्यायालयीन कार्यवाही से अवगत कराते हुए सिखलाई दी गई कि उन्हें प्रशिक्षण उपरांत अपने अपने जिलों में किस प्रकार नियमानुसार एवं विधिवत कार्यवाही किया जाना है।
मूटकोर्ट के मंचन में एडव्होकेट, डिफेंस, प्रोसेक्यूटर, आरोपी, फरियादी एवं अन्य रोल नवआरक्षकों द्वारा बखुबी किये गये है, मंचन में दो रोल फैकल्टियों द्वारा किये गये एवं सारे रोल नवआरक्षकों द्वारा किये गये। मूटकोर्ट मंचन के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण तो दिया जाता है किंतु आपका ओरल एवं रिटर्न (मूटकोर्ट) संबंधी नही होता है, हमारा उददेश्य आपको बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण देना है, जिससे आप अपनी फिल्ड वर्क में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन कर सके।
पुलिस अधीक्षक श्री विद्यार्थी ने बताया कि पीटीसी इंदौर प्रदेश का एकमात्र पुलिस प्रशिक्षण संस्थान है जिसमें मूटकोर्ट का मंचन कर प्रशिक्षुओं को न्यायालयीन कार्यवाही से अवगत करवाया जाता है। व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के फलस्वरूप माननीय न्यायालय की अवमानना की स्थिति से भी बचा जा सकता है। मूटकोर्ट का उक्त मंचन निःसंदेह ही प्रशिक्षुओं के लिये लाभकारिक सिध्द होगा।
मूटकोर्ट का मंचन करवाने में सूत्रधार एडीपीओ श्रीमती कर्णिका दीक्षित, एडीपीओ श्रीमती ज्योति आर्य एवं उनकी नवआरक्षक टीम की महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय भूमिका रही। मूटकोर्ट का मंचन एक सत्य आधारित घटना पर आधारित थी। जिसकी विवेचना निरीक्षक श्री आनंद चौहान द्वारा की गई थी एवं इस मंचन में भी उनके द्वारा विवेचना अधिकारी का रोल प्ले किया गया साथ ही जज की भुमिका में इकाई मे पदस्थ उप निरीक्षक श्री नवीन पाठक द्वारा किया गया।
मूटकोर्ट के दौरान इकाई की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती राजेश्वरी महोबिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री रणजीत सिंह चौहान, समस्त उप पुलिस अधीक्षक, समस्त एडीपीओं, रक्षित निरीक्षक, समस्त अधिकारी/कर्मचारी एवं नवआरक्षगण उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment