आज दिनांक 22.09.18 को विश्व हृदय दिवस पर अपोलो हॉस्पिटल की हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सरिता राव का इकाई में आगमन हुआ । इस अवसर पर डॉ राव ने नव आरक्षकको एवं स्टाफ को हार्टअटैक के प्राथमिक लक्षणों के बारे में जानकारी दी साथ ही हार्ट अटैक आने पर दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार को ग्राउंड पर डेमोंसट्रेशन के माध्यम से बताया।
सीने के बीच में हाथ में पीठ में दर्द और एसिडिटी को साधारण नहीं समझना चाहिए यह हार्ट अटैक के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं। भारत में सबसे ज्यादा व्यक्ति शुगर की बीमारी से ग्रस्त हैं जिनमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है । हार्ट अटैक की बीमारी अनुवांशिक भी है जिससे बचने के लिए संतुलित लाइफ़स्टाइल रखना चाहिए उन्होंने आगे कहा कि अटैक आए व्यक्ति के सीने को सर्वप्रथम 20 बार पंप कर कृत्रिम श्वास देनी चाहिए और उसके बाद मरीज की सांस चेक करें और उसके कंधे पर मार कर उससे बात करें और एंबुलेंस को तत्काल बुलाएं या नजदीकी हॉस्पिटल तक पहुंचाएं ।
अटैक आने के प्रथम 10 मिनट बहुत ही महत्व होते हैं इसमें अगर मरीज को उचित प्राथमिक उपचार मिल जाता है तो उसकी जान बच जाती है । इकाई पधारी डॉ राव से पूछा गया कि हार्ट की बीमारी को रोका कैसे जा सकता है तो उन्होंने बताया कि हमें फॉर्मूला 80 अपनाना चाहिए जैसे एबीसीडी के अनुसार मोटापा ब्लड प्रेशर कोलेस्ट्रॉल डाइट एक्सरसाइज आदि में 80 लेवल का ध्यान रखें तो आप लोग हार्ट अटैक से काफी हद तक बच सकते हैं और समय-समय पर अपना लिपिड प्रोफाइल का टेस्ट भी कराते रहें जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का पता चलता रहेगा। खाने में सावधानियां बताते हुए कहा कि हम वेजीटेरियन रहे तो ज्यादा अच्छा अगर नहीं तो आलू, मीट, ज्यादा घी के सेवन से दूर रहे ।
कार्यक्रम के अंत में इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आर एस देवके ने नवआरक्षकों को इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए डॉक्टर सरिता राव को धन्यवाद दिया और नव आरक्षको से उम्मीद की वह कानून व्यवस्था बनाने के दौरान किसी व्यक्ति को आए हार्टअटैक की परिस्थिति में प्राथमिक उपचार कर उसकी जान बचाने की कोशिश करेंगे ।
सीने के बीच में हाथ में पीठ में दर्द और एसिडिटी को साधारण नहीं समझना चाहिए यह हार्ट अटैक के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं। भारत में सबसे ज्यादा व्यक्ति शुगर की बीमारी से ग्रस्त हैं जिनमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है । हार्ट अटैक की बीमारी अनुवांशिक भी है जिससे बचने के लिए संतुलित लाइफ़स्टाइल रखना चाहिए उन्होंने आगे कहा कि अटैक आए व्यक्ति के सीने को सर्वप्रथम 20 बार पंप कर कृत्रिम श्वास देनी चाहिए और उसके बाद मरीज की सांस चेक करें और उसके कंधे पर मार कर उससे बात करें और एंबुलेंस को तत्काल बुलाएं या नजदीकी हॉस्पिटल तक पहुंचाएं ।
अटैक आने के प्रथम 10 मिनट बहुत ही महत्व होते हैं इसमें अगर मरीज को उचित प्राथमिक उपचार मिल जाता है तो उसकी जान बच जाती है । इकाई पधारी डॉ राव से पूछा गया कि हार्ट की बीमारी को रोका कैसे जा सकता है तो उन्होंने बताया कि हमें फॉर्मूला 80 अपनाना चाहिए जैसे एबीसीडी के अनुसार मोटापा ब्लड प्रेशर कोलेस्ट्रॉल डाइट एक्सरसाइज आदि में 80 लेवल का ध्यान रखें तो आप लोग हार्ट अटैक से काफी हद तक बच सकते हैं और समय-समय पर अपना लिपिड प्रोफाइल का टेस्ट भी कराते रहें जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का पता चलता रहेगा। खाने में सावधानियां बताते हुए कहा कि हम वेजीटेरियन रहे तो ज्यादा अच्छा अगर नहीं तो आलू, मीट, ज्यादा घी के सेवन से दूर रहे ।
कार्यक्रम के अंत में इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आर एस देवके ने नवआरक्षकों को इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए डॉक्टर सरिता राव को धन्यवाद दिया और नव आरक्षको से उम्मीद की वह कानून व्यवस्था बनाने के दौरान किसी व्यक्ति को आए हार्टअटैक की परिस्थिति में प्राथमिक उपचार कर उसकी जान बचाने की कोशिश करेंगे ।