Friday, July 27, 2018

पुलिस वह होती है जिसमें सभ्य लोग चैन से रहे और असभ्य बेचैन-एडीजी पवन जैन

         महाविद्यालय में आज वर्तमान परिवेश में पुलिस के समक्ष चुनौतियों एवं समाधान विषय पर नवआरक्षकों को संबोधित करने के लिये एडीजी प्लानिंग श्री पवन जैन का इकाई में आगमन हुआ जिनका स्वागत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आरएस देवके ने पुष्प गुच्छ देकर किया । मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर  नवआरक्षकों को संबोधित करते हुये श्री जैन ने कहा कि वर्तमान समय में पुलिस के समक्ष कई चुनौतियां है जिसके लिये आप लोगों को बेहतर प्रशिक्षण लेकर उनसे निबटने के लिये तैयार रहना चाहिये । महाभारत के प्रसंग के माध्यम से बताया कि अभयदान सबसे बड़ा दान है अथवा सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण जबावदारी है और हमे गर्व है कि यह दायित्व पुलिस को मिला है । समाज में पुलिस की धुंधली छबि को उजली छबि में बदलना है  । मै एक पुलिस अधिकारी के रूप में नहीं बल्कि एक कवि के रूप में भी पुलिस की पीड़ा हर जगह बताता हूं, आंतरिक सुरक्षा की पहली दीवार पुलिस है जिसमें एन्टी डकैती, नक्सलबाद, सिमी जैसी सभ्य समाज विरोधी गतिविधियों से जनता को बचाना पुलिस का प्रथम कर्तव्य है । उन्होंने आगे कहा कि जितनी संख्या में अपराधिक गतिविधियों में मौते होती है उससे ज्यादा तो सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु हो रही है जो बिना हेलमेट एवं अन्य यातायात के नियमों पालन नहीं करना भी शामिल है जिसको रोकने का दयित्व पुलिस का है ।         श्री जैन ने अपने अपने उद्बोधन में कहा कि सही पुलिस वह होती है जिसमें सभ्य लोग चैन से रहें एवं असभ्य बेचैन रहे । संवेदनशीलता पर बोलते हुये कहा कि सबसे पहले हमें थाने आने वाले व्यक्ति की पूरी बात सुनना चाहिये और उसकी समस्या को समझना चाहिये ।  थाने आने वाला व्यक्ति पीड़ित एवं दुखी होता है इसलिये उसके साथ अच्छा व्यवहार करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिये,  अनावश्यक प्रश्न नहीं पूछने चाहिये । कोई अपराध तभी घटित होता है जब पुलिस का संरक्षण हो अथवा पुलिस की लापरवाही हो  । आनेवाले समय में होने वाले अपराधों की पूर्व संभावनाओं में रोबोट, ड्रोन, एवं अन्य आर्टीफिशियल तरीकों से अपराधों में बढ़ोत्तरी होना संभावित है इसलिये हमें इनको जानने एवं रोकने विभिन्न माध्यमों से अपडेट रहना होगा ।  चुनाव ड्यूटी पर नवआरक्षकों को संबोधित करते हुये कहा कि पुलिस का कर्तव्य है कि मतदान निष्पक्ष, पारादर्शी, हो जिसे आप  मेहनत एवं लगन से पूर्ण कर सकते है । 

      इंदौर शहर डीआईजी श्री हरिनारायणचारी  ने नवआरक्षकों को सबोधित करते हुये कहा कि हमें पुलिस की आदर्श छवि बनाये रखनी है लेकिन कुछ लोग कमजोर, विभिन्न चुनौतियों, एवं परिस्थितियों के कारण आदर्श आचरण के अनुरूप नहीं चल पाते है । हमें हमेशा अच्छे व्यवहार से एवं संवेदनशीलता के साथ समाज की सेवा करनी चाहिये । श्री मिश्र ने आगे कहा कि पुलिस पर विभिन्न जबावदारियां होने के कारण आम जनता की अपेक्षाऐ बढ गयी है जिससे पुलिस हर किसी की नजरों में रहती है और उसके द्वारा किये गये प्रत्येक कार्य की प्रतिक्रिया मिलती है । सोशल मीडिया का उपयोग सही एवं उचित तरीके से करना चाहिये जिससे पुलिस के द्वारा किये जा रहे कार्यो  को आम जनता के बीच पहुंचाया जा सके । 
 इस अवसर चेस्ट क्र 1116 संदीप, चेस्ट क्र 71 समीक्षा, चेस्ट क्र 986 सीमा द्विवेदी एवं नवआरक्षक चेस्ट क्र 1077 मेहरवान सिंह की पुलिस के प्रति जनता के व्यवहार  को लेकर उत्पन्न  जिज्ञासाओं को भी अपने प्रयोगों एवं अनुभवों के उदाहरण देकर शांत किया गया    । 
उद्बोधन कार्यक्रम के उपरांत मुख्य अतिथि एडीजी योजना श्री पवन जैन  को महाविद्यालय की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आरएस देवके द्वारा एक स्मृति चिंन्ह भेट किया गया  । अपने भ्रमण कार्यक्रम की याद स्वरूप मुख्य अतिथि एवं डीआईजी इंदौर ने एक-एक बृक्ष अपने कर कमलों से परिसर में रोपित किया । महाविद्यालय में आकर वर्तमान परिवेश और पुलिस की चुनौतियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये उपपुलिस अधीक्षक श्री एचएस रघुवंशी द्वारा आभार व्यक्त किया गया, कार्यक्रम का संचालन उपपुलिस अधीक्षक डॉ. चंचल नागर द्वारा किया गया । 















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