Friday, December 19, 2025

 PTC इंदौर में जंगल कैंप के जरिए रियल-टाइम पुलिस ट्रेनिंग। 

श्रीमान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री राजा बाबू सिंह के मार्गदर्शन एवं पुलिस अधीक्षक महोदय PTC इंदौर श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा के निर्देशन में दतुनी रेंज में नव-आरक्षकों का सात दिवसीय विशेष जंगल प्रशिक्षण कैंप* आयोजित किया गया। इस गहन प्रशिक्षण के दौरान नव-आरक्षकों को जंगल में अपराधियों की तलाश, छलावरण, निगरानी, रणनीतिक घेराबंदी तथा निर्णायक कार्रवाई की उन्नत तकनीकों से रूबरू कराया जा रहा है। वास्तविक परिस्थितियों में प्रशिक्षण देकर जवानों को कठिन एवं संवेदनशील ऑपरेशनों के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार किया जा रहा है।

वास्तविक परिस्थितियों में सजीव प्रशिक्षण जंगल कैंप के अंतर्गत नव-आरक्षक सुबह से देर रात तक सतत अभ्यास कर रहे हैं। दुर्गम भू-भाग, सीमित संसाधन और बदलते मौसम के बीच प्रशिक्षण देकर उन्हें दबाव में भी सटीक निर्णय लेने की क्षमता विकसित कराई जा रही है।

गुरिल्ला वारफेयर से रणनीतिक बढ़त**

प्रशिक्षण की एक प्रमुख विशेषता गुरिल्ला वारफेयर तकनीक है, जिसमें जवानों को कम संसाधनों में अधिक संगठित और  शक्तिशाली अपराधियों पर बढ़त हासिल करने की रणनीति सिखाई जा रही है।

भूमि संकेतों, इशारों एवं प्राकृतिक ध्वनियों के माध्यम से गुप्त संचार का अभ्यास कराया जा रहा है, जिससे ऑपरेशन के दौरान गोपनीयता बनी रहती है।

जंगल ऑपरेशन की आधुनिक कार्यप्रणालियां प्रशिक्षण कार्यक्रम में नव-आरक्षकों को

* जंगल सर्चिंग एवं कांबिंग ऑपरेशन

* एंबुश व काउंटर-एंबुश

* जंगल क्षेत्र में गांव का रणनीतिक घेराव

* हथियार संचालन एवं सामूहिक मूवमेंट

जैसी तकनीकों का व्यवहारिक अभ्यास कराया जा रहा है, जो अपराध नियंत्रण के लिए अत्यंत प्रभावी सिद्ध होती हैं।

सर्वाइवल स्किल्स पर विशेष फोकस**

अपराधी अक्सर जंगलों को सुरक्षित ठिकाने के रूप में उपयोग करते हैं, जहां पुलिस बल को कई दिनों तक अभियान चलाना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए नव-आरक्षकों को जंगल में दीर्घकालिक प्रवास, मौसम एवं वन्यजीवों से सुरक्षा तथा सीमित संसाधनों में ऑपरेशन जारी रखने** की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।

अधिकारियों के अनुसार यह प्रशिक्षण नव-आरक्षकों को वास्तविक फील्ड चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे वे भविष्य में जंगल, दुर्गम क्षेत्रों में साहस, संयम और रणनीति के साथ प्रभावी पुलिस कार्रवाई कर सकेंगे।

पीटीसी इंदौर के

एडिशनल एसपी गीता चौहान, डीएसपी अनिल वर्मा, सीडीआई प्रियंका कामले एवं समस्त स्टाफ ट्रेनिस को लगातार उक्त प्रशिक्षण में पारंगत कर रहे हैं। साथ ही इंदौर वन विभाग के डीएफओ श्री धीरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा ट्रेनिस को जंगल में आने वाली कठिनाइयों और समाधान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई तथा ट्रेनिस के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए एवं फील्ड में अपने आपको तुरन्त फर्स्ट एड देकर आगे बढ़ने के लिए पीटीसी इंदौर के डॉ॰ नरेन्द्र कुमार शाक्य द्वारा भी महत्वपूर्ण जानकारी ट्रेनिज के साथ लगातार साझा की जा रही है। नवआरक्षक इस जंगल में जंग के असली गुर सीख रहे हैं।PTC इंदौर में जंगल कैंप के जरिए रियल-टाइम पुलिस ट्रेनिंग। 

श्रीमान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री राजा बाबू सिंह के मार्गदर्शन एवं पुलिस अधीक्षक महोदय PTC इंदौर श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा के निर्देशन में दतुनी रेंज में नव-आरक्षकों का सात दिवसीय विशेष जंगल प्रशिक्षण कैंप* आयोजित किया गया। इस गहन प्रशिक्षण के दौरान नव-आरक्षकों को जंगल में अपराधियों की तलाश, छलावरण, निगरानी, रणनीतिक घेराबंदी तथा निर्णायक कार्रवाई की उन्नत तकनीकों से रूबरू कराया जा रहा है। वास्तविक परिस्थितियों में प्रशिक्षण देकर जवानों को कठिन एवं संवेदनशील ऑपरेशनों के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार किया जा रहा है।

वास्तविक परिस्थितियों में सजीव प्रशिक्षण जंगल कैंप के अंतर्गत नव-आरक्षक सुबह से देर रात तक सतत अभ्यास कर रहे हैं। दुर्गम भू-भाग, सीमित संसाधन और बदलते मौसम के बीच प्रशिक्षण देकर उन्हें दबाव में भी सटीक निर्णय लेने की क्षमता विकसित कराई जा रही है।

गुरिल्ला वारफेयर से रणनीतिक बढ़त**

प्रशिक्षण की एक प्रमुख विशेषता गुरिल्ला वारफेयर तकनीक है, जिसमें जवानों को कम संसाधनों में अधिक संगठित और  शक्तिशाली अपराधियों पर बढ़त हासिल करने की रणनीति सिखाई जा रही है।

भूमि संकेतों, इशारों एवं प्राकृतिक ध्वनियों के माध्यम से गुप्त संचार का अभ्यास कराया जा रहा है, जिससे ऑपरेशन के दौरान गोपनीयता बनी रहती है।

जंगल ऑपरेशन की आधुनिक कार्यप्रणालियां प्रशिक्षण कार्यक्रम में नव-आरक्षकों को

* जंगल सर्चिंग एवं कांबिंग ऑपरेशन

* एंबुश व काउंटर-एंबुश

* जंगल क्षेत्र में गांव का रणनीतिक घेराव

* हथियार संचालन एवं सामूहिक मूवमेंट

जैसी तकनीकों का व्यवहारिक अभ्यास कराया जा रहा है, जो अपराध नियंत्रण के लिए अत्यंत प्रभावी सिद्ध होती हैं।

सर्वाइवल स्किल्स पर विशेष फोकस**

अपराधी अक्सर जंगलों को सुरक्षित ठिकाने के रूप में उपयोग करते हैं, जहां पुलिस बल को कई दिनों तक अभियान चलाना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए नव-आरक्षकों को जंगल में दीर्घकालिक प्रवास, मौसम एवं वन्यजीवों से सुरक्षा तथा सीमित संसाधनों में ऑपरेशन जारी रखने** की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।

अधिकारियों के अनुसार यह प्रशिक्षण नव-आरक्षकों को वास्तविक फील्ड चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे वे भविष्य में जंगल, दुर्गम क्षेत्रों में साहस, संयम और रणनीति के साथ प्रभावी पुलिस कार्रवाई कर सकेंगे।

पीटीसी इंदौर के

एडिशनल एसपी गीता चौहान, डीएसपी अनिल वर्मा, सीडीआई प्रियंका कामले एवं समस्त स्टाफ ट्रेनिस को लगातार उक्त प्रशिक्षण में पारंगत कर रहे हैं। साथ ही इंदौर वन विभाग के डीएफओ श्री धीरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा ट्रेनिस को पर्यावरण संरक्षण, पौधारोपण एवं जंगल में आने वाली कठिनाइयों और समाधान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई तथा ट्रेनिस के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए एवं फील्ड में अपने आपको तुरन्त फर्स्ट एड देकर आगे बढ़ने के लिए पीटीसी इंदौर के डॉ॰ नरेन्द्र कुमार शाक्य द्वारा  भी महत्वपूर्ण जानकारी ट्रेनिज के साथ लगातार साझा की जा रही है। नवआरक्षक इस जंगल में जंग के असली गुर सीख रहे हैं।




















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