Wednesday, September 21, 2022

 

पुलिस प्रशिक्षण महाविधालय इन्दौर द्वारा लक्ष्मीनारायण कालेज ऑफ टेक्नोलिजी में जीवन अनमोल कार्यक्रम आयोजित किया गया।

युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती हुई प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए पुलिस प्रशिक्षण महाविधालय द्वारा सामाजिक स्तर पर जागरुकता फैलाते हुए इस दिशा में समाज के अलग अलग वर्गौ को जोड़ते हुए बड़ा अभियान चलाया जा रहा है प्रदेश के विभिन्न उच्च शिक्षा विभाग ,स्कूल शिक्षा से संबंधित पक्षों को आत्महत्या की प्रवृत्ति के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।पुलिस अधीक्षक श्रीमती हितिका वासल के दिशा निर्देशन में लक्ष्मीनारायण कालेज ऑफ टेक्नोलिजी में पुलिस प्रशिक्षण महाविधालय द्वारा कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें अधिकारियों द्वारा अपने विचार प्रकट किये गये।  

पुलिस प्रशिक्षण महाविधालय के आत्महत्या से बचने हेतु जागरूकता कैम्पेन जीवन अनमोल है के लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज मे आयोजित कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर सौम्या जैन(अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीटीसी इन्दौर) द्वारा बताया गया जीवन अनमोल है कोविड महामारी से एवं  सोशल मीडिया से होने बाले तनाव से बचें अपनी बात मन खोलकर कहें और अपने आसपास के लोगों से खुलकर बात करें। पुलिस प्रशिक्षण महाविधालय के आत्महत्या से बचने हेतु जागरूकता कैम्पेन जीवन अनमोल है के लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज मे आयोजित कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर कहीं। साथ ही उन्होने कहा की विदयार्थियो को यह समझना चाहिये कि जीवन का सबसे बडा लक्ष्य स्वयं जीवन है जिसमे कि शारिरीक एवं मानसिक निरोगता सर्वो परी है। लेकिन आज कल के डिजिटल वर्ल्ड मे मानसिक निरोगता कि जबरदस्त वृद्धि हो रही है। 21वी सदी मे तकनीकी रूप से तो हम बहुत विकसित हो गए है हमने कई मशीनों का अविष्कार किया, कई मापक मशीने बनाई लेकिन आज तक मस्तिष्क मापक मशीन बनाने मे असफल रहे।

एसके दास समूह सलाहकार (सेवनिवृत पूर्व डीजीपी ) के द्वारा बताया गया युवा अनुशासित रहे ,धैर्य रखे ,माता-पिता के संस्कारों को शिक्षा समझें।

डॉ संध्या सुप्रभात चौकसे  (प्रबंध निदेशक, skc LNCT ग्रुप ऑफ़ कॉलेज) के द्वारा बताया गया अच्छी भाषा का प्रयोग करें ,अधिक खुल कर मन की बात करें,तथा खुद अनुशासित रहे । डॉ संध्या सुप्रभात चौकसे ने बताया वह  खुद क्लिनीकल साईकोलोजिस्ट है किसी प्रकार के नकारतम्क विचार आने पर आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन प्रकाश द्वारा बताया कि मीडिया की खबरों के प्रस्तुतिकरण में  आत्महत्या के महिमामंडन से जुड़ी शब्दावली पर चिंता जताई और कहा कि इस सिलसिले में मीडिया को अपने स्तर पर लक्ष्मण रेखा खींचने की ज़रूरत है। उन्होंने महाविद्यालय के युवाओं को सकारात्मकता का संदेश देते हुए उनकी मशहूर कविता "हो तिमिर कितना भी गहरा" भी सुनाई।

डा. अली असगर हुसैन  (Rehabilitation Psychologist, REBT-CBT Therapist Medical Centre IIM-Indore) के द्वारा छात्रों को यह बताया गया की सुसाइड का सबसे बड़ा कारण डिप्रेशन और एन्साइटी है। और डिप्रेशन होने का सबसे बड़ा कारण (नाउम्मीद)hopelessnes होना है। हमें आज कामयाबी भी जल्दी से चाहिए जैसे की हमे आदत हो गई है इंस्टाग्राम रील की। और हम हर काम में प्रॉब्लम देखते है बल्कि जैसा की हमने कलाम साहब से सुना है की हर काम एक चैलेंज है न की प्रॉब्लम और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई तो यह तक कहते की हर प्रॉब्लम एक ऑपेचुनिटी है। और यही सोच हमें डिप्रेशन और सुसाइड ideastic से दूर रखेगी। इसलिए हमे फेसबुक की नही अच्छी बुक्स पढ़ने की जरूरत है। अच्छी जीवनी पढ़ने की जरूरत है। मानसिक स्वास्थ पर खुलकर बात करने की जरूरत है।

वरिष्ठ निरीक्षक शैलजा भदौरिया द्वारा बताया गया कि घर में खिचड़ी बनती है तो आदमी को स्वस्थ कर देती है अगर आदमी के दिमाग में खिचड़ी बनती है तो आदमी को अवस्वस्थ कर देती है। युवाओं को अवसाद से बचने के लिये समाज मे मेलजोल बढाने ओर डिजिटल प्लेटफॉर्म का सीमित उपयोग करने की सलाह दी। श्रीमती शैलजा भदौरिया ने बताया कि अवसाद अवसान हो, प्रत्येक इंसान स्वास्थ हो।

संस्था प्राचार्य डॉ अभय गुप्ता ने अपने उदबोधन मे कहा की नकारात्मकता का अवचेतन पर प्रहार करती है जिसका सीधा असर आपके व्यवहार आदत , रहन सहन पर पढता है अतः युवाओ को नकारात्मकता से सकारात्मकता की और बढना चाहिये।

सभी ने आखिरी में बताया सकारत्मक सोच रखे अपने आसपास अनुभवी लोगों का एक समूह रखें जो आपको सही मार्गदर्शन दे सके। पुलिस प्रशिक्षण महाविधालय द्वारा जीवन अनमोल कार्यक्रम लगातार आयोजित किये जाते रहेंगे।














 

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