कवि धैर्यशील येवले पाॅजिटिव हुए हैं लेकिन बीमारी में भी पाॅजिटिव एटिटयूड नही छोड़ा। इस जस्बे को सलाम करते हुए उनकी ताजा रचना ”ये जिंदगी’’
”ये जिंदगी’’
ये जिंदगी
थोड़ा तो मुस्कुराने दे
अभी कल ही तो माॅं
गांव से आई है
कुछ मीठी गुजिया लाई है
कुछ तो मजे कर लेने है
ये जिंदगी
थोड़ा तो मुस्कुराने दे।।
तिनका तिनका जोड़ा
कोई सपना तोड़ा
को सपना जोड़ा
आॅंसू भरी आॅंख से
मुस्कुराया थोड़ा थोड़ा
आ तू भी हो जा
मेरी खुशियों में शामिल
तू भी मुस्करा थोड़ा थोड़ा
कुछ तो तुझे समझ पाने दे
ये जिंदगी
थोड़ा तो मुस्कुराने दे।।
माना कि मुझसे गलतियां
हुई है हजार
तूने समझने की कोशिश भी
की बार बार
माफ का दे एक बार
अपनो को दिल खोल के
गले से लगाने दे
ये जिंदगी
थोड़ा तो मुस्कुराने दे।।
बिटिया की आंखों में है
ढेरो सपने
बेटो भी गुनगुना रहा
ख्वाब अपने
बीवी जोड़ रही आड़े वक़्त के लिए पैसा पैसा
मैं भी काम किये जा रहा हॅंू
कैसा कैसा
दिप आशाओं के जल जाने दे
ये जिंदगी
थोड़ा तो मुस्कुराने दे।।
दोस्तो की संगत में
निवाले खुशी के पंगत में
झूम ने को रहा दिल
तरी हर एक रंगत में
छोटी छोटी खुशियों को
बाटंूगा सभी दुखियो को
जीऊंगा तुझे जी लेने दे
ये जिंदगी
थोड़ा तो मुस्कुराने दे।।
आॅंसू अब पिये नही जाते
ये सारे दुःख सहे नही जाते
कतरा कतरा मर रहे है हम
सांस सांसे मांग रहे है हम
खुशियां बंधी पड़ी है पोटली में
पोटली को खोल लेने दे
ये जिंदगी
थोड़ा तो मुस्कुराने दे
थोड़ा तो मुस्कुराने दे।।
धैर्यशील येवले इन्दौर
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